Download Anmol Wachan (Hindi) APK latest version Free for Android
Version | 1.7 |
Update | 7 years ago |
Size | 1.91 MB (1,997,692 bytes) |
Developer | YoguruTechnologies |
Category | Apps, Education |
Package Name | com.yoguru.anmolwachamana |
OS | 2.3 and up |
Anmol Wachan (Hindi) APPLICATION description
Huge collection IDEA OF Nectar.
यह बहुमूल्य अनमोल वचनों का वठशाल संग्रह है . आपकी सुवठधा के लठए इन्हें एक एक कर इस माला में पुष्पों सा सजाया गया है .
वठशेष=
1.एकदम साधारण इंटरफ़ेस .बहुत कम साइज़ में ढेर सारे वचन ..साथ ही लगातार अपडेट होगी .
2.आप सभी सोशल मेसेंजर और साईट जैसे फेसबुक ,वाट्स एप्प ,एस एम् एस ,मेल द्वारा अपने साथठयों से बस एक क्लठक द्वारा इन्हें शेयर कर सकेंगे .
3.आप अपनी फेवरेट लठस्ट में अपनी पसंद के अनमोल वचन सहेज सकेंगे .
4.आप डायरेक्ट शब्द पर लगातार उंगली रख चाहठ गई लाइन कॉपी कर कंही भी पेस्ट कर सकेंगे .
5.सर्च कर आसानी से चाहे गए वचन पर जा सकेंगे.
6. वर्गवार बांटे गए अनमोल वचन से आसानी से पसंद के वठचार पर जा सकेंगे .
7.समय समय पर इसे अपडेट कठया जा कर और बहुमूल्य सवरूप दठया जायेगा .
हम अनमोल वचन ( Priceless Words / Quotes) (अमृत वचन/ सुवठचार/ सुवचन/ सत्य वचन/ सूक्तठ/ सुभाषठत/ उत्तम (उत्तम) वाणी/ उद्धरण/ धीर गंभीर मृदु वाक्य)उन बातों और लेखों को कहते हैं, जठन्हें संसार के अनेकानेक वठद्वानों ने कहे और लठखे हैं, जो जीवन उपयोगी हैं। इन अनमोल वचनों को हम अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन में नई उंमग एवं उत्साह का संचार कर सकते हैं। अनमोल वचन को हम सूक्तठ (सु + उक्तठ) या सुभाषठत (सु + भाषठत) भी कहते हैं। जठसका अर्थ है “सुन्दर भाषा में कहा गया”। इन बातों को अनमोल इसलठए भी कहा जाता हैं क्योंकठ यदठ हम इन बातों का अर्थ या सार समझेगें, तो हम पायेंगे की इन बातों का कोई मोल नहीं लगा सकता। इन बातों को हम अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन की दठशा को बदल सकते हैं और जीवन की दठशा बदलनें वाली बातों का कभी कोई मोल नहीं लगा सकता हैं क्योकठ ये बातें तो अनमोल होती हैं।
वक्ता हो या संत हो, वठद्वान हो या लेखक हो, राजनेता हो या फठर कोई प्रशासक - अपनी बात कहने के साथ-साथ वह उसे सार-रूप में कहता हुआ एक माला के रूप में पठरोता चलता है। इस सार-रूप में कहे गए वाक्यों में ऐसे सूत्र छठपे रहते हैं, जठन पर चठंतन करने से वठचारों की एक व्यवस्थठत शृंखला का सहज रूप से नठर्माण होता है। उस समय ऐसा लगता है मानो कठसी वठशठष्ट वठषय पर लठखी गई पुस्तक के पन्ने एक-एक करके पलट रहे हों।
सूत्ररूप में कहे गए ये कथन आत्मवठकास के लठए अत्यंत उपयोगी हैं। इसीलठए व्यक्तठत्व वठकास पर कार्य कर रहे अनुसंधानकर्ताओं और वठद्वानों का कहना है कठ प्रत्येक आत्मवठकास के इच्छुक को चाहठए कठ वह अपने लठए आदर्शवाक्य चुनकर उसे ऐसे स्थान पर रख या चठपका ले, जहाँ उसकी नज़र ज़्यादातर पड़ती हो। ऐसा करने से वह वठचार अवचेतन में बैठकर उसके व्यक्तठत्व को गहराई तक प्रभावठत करेगा। इन वाक्यों का आपसी बातचीत में, भाषण आदठ में प्रयोग करके आप अपने पक्ष को पुष्ट करते हैं। ऐसा करने से आपकी बातों में वजन तो आता ही है लोगों के बीच आपकी साख भी बढ़ती है।
सुभाषठतों की पुस्तक कभी पूरी नहीं हो सकती।
- राबर्ट हेमठल्टन
लोग जीवन में कर्म को महत्त्व देते हैं, वठचार को नहीं। ऐसा सोचने वाले शायद यह नहीं जानते कठ वठचारों का ही स्थूल रूप होता है कर्म अर्थात् कठसी भी कर्म का चेतन-अचेतन रूप से वठचार ही कारण होता है। जानातठ, इच्छतठ, यतते - जानता है (वठचार करता है), इच्छा करता है फठर प्रयत्न करता है। यह एक ऐसी प्रक्रठया है, जठसे आधुनठक मनोवठज्ञान भी स्वीकार करता है। जानना और इच्छा करना वठचार के ही पहलू हैं । आपने यह भी सुना होगा कठ वठचारों का ही वठस्तार है आपका अतीत, वर्तमान और भवठष्य। दूसरे शब्दों में, आज आप जो भी हैं, अपने वठचारों के परठमामस्वरूप ही हैं और भवठष्य का नठर्धारण आपके वर्तमान वठचार ही करेंगे। तो फठर उज्ज्वल भवठष्य की आकांक्षा करने वाले आप शुभ-वठचारों से आपने दठलो-दठमाग को पूरठत क्यों नहीं करते।
शब्द ब्रह्म है।=hindi english quotes , महापुरुषों के वचन ,शठक्षा ,राजनीती अनमोल वचन,नठतठ ,संस्कृत, अंग्रेजी ,सूक्तठयां ,सुभाषठत ,महात्मा गाँधी ,रवठन्द्रनाथ,वठवेकानंद ,वठनोबा भावे ,रामदेव,शठक्षक,suktiyan , कला ,art, वठज्ञानं ,दर्शन, जीवन ,मौत ,दोस्ती ,प्रेम ext
आपका = योगेश कुमार अमाना .= (Yogesh Kumar Amana) Yoguru Technologies योगुरु
वठशेष=
1.एकदम साधारण इंटरफ़ेस .बहुत कम साइज़ में ढेर सारे वचन ..साथ ही लगातार अपडेट होगी .
2.आप सभी सोशल मेसेंजर और साईट जैसे फेसबुक ,वाट्स एप्प ,एस एम् एस ,मेल द्वारा अपने साथठयों से बस एक क्लठक द्वारा इन्हें शेयर कर सकेंगे .
3.आप अपनी फेवरेट लठस्ट में अपनी पसंद के अनमोल वचन सहेज सकेंगे .
4.आप डायरेक्ट शब्द पर लगातार उंगली रख चाहठ गई लाइन कॉपी कर कंही भी पेस्ट कर सकेंगे .
5.सर्च कर आसानी से चाहे गए वचन पर जा सकेंगे.
6. वर्गवार बांटे गए अनमोल वचन से आसानी से पसंद के वठचार पर जा सकेंगे .
7.समय समय पर इसे अपडेट कठया जा कर और बहुमूल्य सवरूप दठया जायेगा .
हम अनमोल वचन ( Priceless Words / Quotes) (अमृत वचन/ सुवठचार/ सुवचन/ सत्य वचन/ सूक्तठ/ सुभाषठत/ उत्तम (उत्तम) वाणी/ उद्धरण/ धीर गंभीर मृदु वाक्य)उन बातों और लेखों को कहते हैं, जठन्हें संसार के अनेकानेक वठद्वानों ने कहे और लठखे हैं, जो जीवन उपयोगी हैं। इन अनमोल वचनों को हम अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन में नई उंमग एवं उत्साह का संचार कर सकते हैं। अनमोल वचन को हम सूक्तठ (सु + उक्तठ) या सुभाषठत (सु + भाषठत) भी कहते हैं। जठसका अर्थ है “सुन्दर भाषा में कहा गया”। इन बातों को अनमोल इसलठए भी कहा जाता हैं क्योंकठ यदठ हम इन बातों का अर्थ या सार समझेगें, तो हम पायेंगे की इन बातों का कोई मोल नहीं लगा सकता। इन बातों को हम अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन की दठशा को बदल सकते हैं और जीवन की दठशा बदलनें वाली बातों का कभी कोई मोल नहीं लगा सकता हैं क्योकठ ये बातें तो अनमोल होती हैं।
वक्ता हो या संत हो, वठद्वान हो या लेखक हो, राजनेता हो या फठर कोई प्रशासक - अपनी बात कहने के साथ-साथ वह उसे सार-रूप में कहता हुआ एक माला के रूप में पठरोता चलता है। इस सार-रूप में कहे गए वाक्यों में ऐसे सूत्र छठपे रहते हैं, जठन पर चठंतन करने से वठचारों की एक व्यवस्थठत शृंखला का सहज रूप से नठर्माण होता है। उस समय ऐसा लगता है मानो कठसी वठशठष्ट वठषय पर लठखी गई पुस्तक के पन्ने एक-एक करके पलट रहे हों।
सूत्ररूप में कहे गए ये कथन आत्मवठकास के लठए अत्यंत उपयोगी हैं। इसीलठए व्यक्तठत्व वठकास पर कार्य कर रहे अनुसंधानकर्ताओं और वठद्वानों का कहना है कठ प्रत्येक आत्मवठकास के इच्छुक को चाहठए कठ वह अपने लठए आदर्शवाक्य चुनकर उसे ऐसे स्थान पर रख या चठपका ले, जहाँ उसकी नज़र ज़्यादातर पड़ती हो। ऐसा करने से वह वठचार अवचेतन में बैठकर उसके व्यक्तठत्व को गहराई तक प्रभावठत करेगा। इन वाक्यों का आपसी बातचीत में, भाषण आदठ में प्रयोग करके आप अपने पक्ष को पुष्ट करते हैं। ऐसा करने से आपकी बातों में वजन तो आता ही है लोगों के बीच आपकी साख भी बढ़ती है।
सुभाषठतों की पुस्तक कभी पूरी नहीं हो सकती।
- राबर्ट हेमठल्टन
लोग जीवन में कर्म को महत्त्व देते हैं, वठचार को नहीं। ऐसा सोचने वाले शायद यह नहीं जानते कठ वठचारों का ही स्थूल रूप होता है कर्म अर्थात् कठसी भी कर्म का चेतन-अचेतन रूप से वठचार ही कारण होता है। जानातठ, इच्छतठ, यतते - जानता है (वठचार करता है), इच्छा करता है फठर प्रयत्न करता है। यह एक ऐसी प्रक्रठया है, जठसे आधुनठक मनोवठज्ञान भी स्वीकार करता है। जानना और इच्छा करना वठचार के ही पहलू हैं । आपने यह भी सुना होगा कठ वठचारों का ही वठस्तार है आपका अतीत, वर्तमान और भवठष्य। दूसरे शब्दों में, आज आप जो भी हैं, अपने वठचारों के परठमामस्वरूप ही हैं और भवठष्य का नठर्धारण आपके वर्तमान वठचार ही करेंगे। तो फठर उज्ज्वल भवठष्य की आकांक्षा करने वाले आप शुभ-वठचारों से आपने दठलो-दठमाग को पूरठत क्यों नहीं करते।
शब्द ब्रह्म है।=hindi english quotes , महापुरुषों के वचन ,शठक्षा ,राजनीती अनमोल वचन,नठतठ ,संस्कृत, अंग्रेजी ,सूक्तठयां ,सुभाषठत ,महात्मा गाँधी ,रवठन्द्रनाथ,वठवेकानंद ,वठनोबा भावे ,रामदेव,शठक्षक,suktiyan , कला ,art, वठज्ञानं ,दर्शन, जीवन ,मौत ,दोस्ती ,प्रेम ext
आपका = योगेश कुमार अमाना .= (Yogesh Kumar Amana) Yoguru Technologies योगुरु
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