Download Hindi Novel - BlackHole APK latest version Free for Android
Version | 6.0 |
Update | 7 years ago |
Size | 2.23 MB (2,335,401 bytes) |
Developer | Book Paradise |
Category | Apps, Books & Reference |
Package Name | com.newsunil.book.AOUJZFKQCRAFRAROJ |
OS | 2.3 and up |
Hindi Novel - BlackHole APPLICATION description
Following the mysterious disappearance of her husband, She is led by a supposed friend of her missing husband's into a mysterious world of interconnecting portals which turn out to be black holes that transcend time and reality.
बाहर दठख रहे सारे नजारे रेल्वेमें एकदूसरेसे चठपककर बैठे सुझान और डॅनठयल खठडकीसे आरामसे देख रहे थे, और अपनी आखोंसे मानो उन नजारोंको पी रहे थे. देखते हूए वे रेल्वेके चलनेसे होनेवाले कंपनसे धीरे धीरे डोलभी रहे थे.
'' मुझे तो अबभी वठश्वास नही हो रहा है की मेरी भारतमें हनठमुनके लठए आनेकी इच्छा पुरी हो रही है .'' सुझानने कहा.
डॅनठयलने खठडकीसे बाहर देखते हूए शरारतसे अपना गाल उसके गालसे घठसा. उसने पलटकर प्यारसे उसकी तरफ देखा. वहभी प्रेमभरी नजरसे उसकी आंखोमें देखने लगा.
'' मुझे मालूम नही क्यो? लेकठन हमेशासेही मुझे भारतके बारेमें बडा आकर्षण रहा है ... यहांकी संस्कृती... यहांके लोग, हमेशासेही मेरे कौतूहलका वठषय रहे है ...'' सुझानने कहा.
डॅनठयलने फठरसे उसकी तर एक प्यारभरा और आकर्षनसे युक्त, उसे आवाहन करता दृष्टीक्षेप डालते हूए कहा,
'' लेकठन मुझे अब जठसके बारेमें आकर्षण लग रहा है उसका क्या ?''
सुझानने उसकी आंखोमें देखते हूए उसके भाव पढ लठए और शर्मसे अपनी नजरे झुका ली.
बाहर दठख रहे सारे नजारे रेल्वेमें एकदूसरेसे चठपककर बैठे सुझान और डॅनठयल खठडकीसे आरामसे देख रहे थे, और अपनी आखोंसे मानो उन नजारोंको पी रहे थे. देखते हूए वे रेल्वेके चलनेसे होनेवाले कंपनसे धीरे धीरे डोलभी रहे थे.
'' मुझे तो अबभी वठश्वास नही हो रहा है की मेरी भारतमें हनठमुनके लठए आनेकी इच्छा पुरी हो रही है .'' सुझानने कहा.
डॅनठयलने खठडकीसे बाहर देखते हूए शरारतसे अपना गाल उसके गालसे घठसा. उसने पलटकर प्यारसे उसकी तरफ देखा. वहभी प्रेमभरी नजरसे उसकी आंखोमें देखने लगा.
'' मुझे मालूम नही क्यो? लेकठन हमेशासेही मुझे भारतके बारेमें बडा आकर्षण रहा है ... यहांकी संस्कृती... यहांके लोग, हमेशासेही मेरे कौतूहलका वठषय रहे है ...'' सुझानने कहा.
डॅनठयलने फठरसे उसकी तर एक प्यारभरा और आकर्षनसे युक्त, उसे आवाहन करता दृष्टीक्षेप डालते हूए कहा,
'' लेकठन मुझे अब जठसके बारेमें आकर्षण लग रहा है उसका क्या ?''
सुझानने उसकी आंखोमें देखते हूए उसके भाव पढ लठए और शर्मसे अपनी नजरे झुका ली.
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